इसका फायदा होगा कि सूरज की रोशनी पड़ने पर पता चल जाएगा कि किताब असली है या नकली। किताब के मुख्य पृष्ठ के ऊपरी भाग में दाईं ओर निजी सिक्योरिटी व्यवस्था के साथ क्रमांक छपे होंगे। सचिव भगवती सिंह की ओर से कवर पेज अलग से छपवाने के लिए टेंडर जारी किया गया है ताकि बच्चों को अधिकृत और सस्ती किताबें उपलब्ध हो सकें। इसी साल यूपी बोर्ड ने अपने अंकपत्र सह प्रमाणपत्र पर भी कई सुरक्षा विशेषताएं जोड़ी थीं।
छापामारी करेंगी टीमें
यूपी बोर्ड ने इस साल टेंडर में ही यह शर्त रखी है कि प्रकाशकों को प्रत्येक जिले में अधिकृत और सस्ती किताबें उपलब्ध करानी होगी। इससे कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ होगा। सचिव भगवती सिंह का कहना है कि किताबों की उपलब्धता की जांच के लिए जिलों में टीमें भेजी जाएंगी। यदि अधिकृत किताबें उपलब्ध नहीं होंगी तो संबंधित प्रकाशक का वर्कऑर्डर निरस्त कर दूसरे प्रकाशक को किताबें छापने की जिम्मेदारी दे दी जाएगी।
परीक्षा केंद्रों पर आपत्तियों की जांच में जुटे डीएम
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की वर्ष 2026 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए ऑनलाइन निर्धारित 7,448 परीक्षा केंद्रों पर प्राप्त 8,707 आपत्तियों को लेकर कई जिलों के जिलाधिकारी सख्त हो गए हैं। प्रतापगढ़, गोंडा, फिरोजाबाद, आजमगढ़ और एटा समेत एक दर्जन से अधिक जिलों में जिलाधिकारियों ने अपने स्तर पर आपत्तियों की जांच शुरू कर दी है।
केंद्र निर्धारण नीति के विपरीत मनमाने तरीके से मूलभूत सुविधाएं घटाकर या बढ़ाकर परीक्षा केंद्र बनाए जाने के मामलों को गंभीरता से लिया गया है। केंद्र निर्धारण समिति का गठन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ही किया जाता है। इतनी बड़ी संख्या में आपत्तियां मिलने से स्पष्ट है कि स्कूलों की ओर से आधारभूत सुविधाओं और अन्य सूचनाओं को ऑनलाइन अपलोड करने में गड़बड़ी की गई है, जिससे केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास हुआ है। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि प्राप्त सभी आपत्तियों को संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेज दिया गया है।

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