शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखने को अध्यादेश की मांग, ज्ञापन सौंपा TET MATTER

शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखने को अध्यादेश की मांग, ज्ञापन सौंपा

लखीमपुर, संवाददाता। शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य किए जाने से शिक्षकों में आक्रोश है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने रविवार को खीरी सांसद उत्कर्ष वर्मा के आवास पर पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।

शिक्षकों ने कहा कि जो शिक्षक स्कूलों में तैनात हैं उन पर टीईटी की जबरन अनिवार्यता समाप्त कराएं। सेवारत शिक्षकों को लेकर दिए गए निर्णय में आवश्यक संशोधन को अध्यादेश लाने की मांग उठाई। सांसद को दिए गए ज्ञापन में कहा कि आदेश के क्रम में पांच वर्ष से अधिक सेवा अवधि वाले शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण करना जरूरी किया गया है। इससे बेसिक के शिक्षक सेवा असुरक्षा, तनाव और अवसाद का सामना कर रहे हैं, जबकि सभी शिक्षक अपनी नियुक्ति के समय विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षिक योग्यता व सेवा शर्तों को पूर्ण करके तैनात हुए थे।

TET MATTER Basic Education Department
TET MATTER Basic Education Department 

ज्ञापन में कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा की अधिसूचना एनसीटीई द्वारा 23 अगस्त 2010 को जारी की गई थी इसके बाद शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 में उत्तर प्रदेश में लागू हुआ। ऐसे में इन अधिसूचनाओं से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी के दायरे में लाना अव्यवहारिक है। संगठन ने मांग की कि उत्तर प्रदेश के लगभग चार लाख बेसिक शिक्षकों और उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने को सरकार अध्यादेश लाकर यह संशोधन लागू करे कि एनसीटीई अधिसूचना व शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखा जाए। इस दौरान जिला उपाध्यक्ष राजीव दुबे, जिला महामंत्री संतोष भार्गव, आशीष प्रताप श्रीवास्तव, अबरार अहमद, संदीप शुक्ला, आदित्य गुप्ता, अवधेश रस्तोगी, प्रभाकर मिश्रा, उमेश चौरसिया, धीरेन्द्र श्रीवास्तव, जाकिर, प्रमोद वर्मा आदि शिक्षक मौजूद रहे।

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