प्रदेश में शिक्षकों के संकट से जूझ रहे 2571 प्राथमिक स्कूल, 458 विद्यालयों में एक भी शिक्षक या शिक्षामित्र नहीं, इकलौते नियमित शिक्षक के भरोसे 1605 स्कूल Teachers Vacancy in school

प्रदेश में शिक्षकों के संकट से जूझ रहे 2571 प्राथमिक स्कूल, 458 विद्यालयों में एक भी शिक्षक या शिक्षामित्र नहीं, इकलौते नियमित शिक्षक के भरोसे 1605 स्कूल

लखनऊः प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की कमी बनी हुई है। 2,571 प्राथमिक विद्यालय या तो बिना किसी शिक्षक-शिक्षामित्र के चल रहे हैं या फिर पूरे स्कूल की जिम्मेदारी सिर्फ एक ही कर्मी पर है। इस हालात का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है।

458 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में एक भी शिक्षक या शिक्षामित्र तैनात नहीं है। इन स्कूलों में 22,558 बच्चे नामांकित हैं। बहराइच और अमरोहा में ऐसे स्कूलों की संख्या सबसे अधिक है। दोनों जिलों में 15 से ज्यादा स्कूल बिना किसी स्टाफ के संचालित हो रहे हैं। शिक्षकों की उपलब्धता की दूसरी बड़ी समस्या एकल शिक्षक विद्यालयों में है। 

Teachers Vacancy in school
Teachers Vacancy in school 


प्रदेश में 1605 विद्यालय ऐसे हैं, जहां केवल एक नियमित शिक्षक कार्यरत है, जबकि इन स्कूलों में 81,118 छात्र पढ़ रहे हैं। सबसे अधिक एकल शिक्षक विद्यालय शाहजहांपुर, सोनभद्र, बलरामपुर, बलिया और लखीमपुर खीरी में पाए गए हैं। इसी प्रकार, 508 प्राथमिक विद्यालय केवल एक शिक्षामित्र के भरोसे चल रहे हैं। इन स्कूलों में 26,042 बच्चे नामांकित हैं।

 एकल शिक्षामित्र वाले विद्यालय शाहजहांपुर, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी और बुलंदशहर में सबसे अधिक हैं, जहां 20 से ज्यादा स्कूल सिर्फ एक शिक्षामित्र के सहारे संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा, 49 प्राथमिक विद्यालय ऐसे भी हैं जहां एक भी छात्र नामांकित नहीं है, जो नामांकन में गिरावट का संकेत है।

शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने 26 जून 2024 को शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए अंतरजनपदीय स्थानांतरण और समायोजन नीति जारी की थी। इसके तहत अतिरिक्त शिक्षकों वाले विद्यालयों से शिक्षकों से आनलाइन माध्यम से 25 आवश्यक विद्यालयों के विकल्प लिए गए थे लेकिन हाईकोर्ट में मामला स्थगित होने से पिछले वर्ष किसी भी शिक्षक का समायोजन नहीं हो सका, जिससे संकट और गहरा गया। 

पिछले माह विभाग ने जिले के अंदर स्वैच्छिक स्थानांतरण और समायोजन के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में बनी समिति अतिरिक्त शिक्षकों वाले विद्यालयों से शिक्षकों को चिन्हित करके उन्हें एकल विद्यालयों में समायोजित करेगी। उम्मीद है कि बिना शिक्षक या एकल शिक्षक वाले विद्यालयों को इससे जल्द राहत मिलेगी

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