मोबाइल की लत, सोशल मीडिया से दूरी. अब UP के बच्चे किताबों से करेंगे दोस्ती, योगी सरकार की नई पहल Govt Rules

मोबाइल की लत, सोशल मीडिया से दूरी. अब UP के बच्चे किताबों से करेंगे दोस्ती, योगी सरकार की नई पहल

उत्तर प्रदेश में बच्चों की बढ़ती मोबाइल फोन और सोशल मीडिया की लत से चिंतित यूपी सरकार ने एक अनोखी और सराहनीय पहल शुरू की है. माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आदेश जारी कर प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक सहित सभी मंडलीय शिक्षा निदेशकों को शासनादेश जारी कर स्कूलों में रोजाना अखबार-मैगजीन पढ़ना और पाठ्यक्रम के अलावा पुस्तक पठन की व्यवस्था करने का निर्देश दिए हैं.

इसका मकसद बच्चों का ‘स्क्रीन टाइम’ कम करना, पढ़ने की आदत डालना और उनके वैचारिक विकास को बढ़ावा देना है. वर्तमान समय में बच्चे किताबों से दूर होकर मोबाइल और सोशल मीडिया में डूबे रहते हैं, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. इस समस्या को देखते हुए सरकार ने स्कूलों में पुस्तकालय से हिंदी और अंग्रेजी की एक पुस्तक प्रत्येक विद्यार्थी को प्रति सप्ताह अनिवार्य रूप से जारी करने का आदेश दिया है.


स्कूल में न्यूज पेपर पढ़ना हुआ अनिवार्य

यह किताबें पाठ्यक्रम से अलग होनी चाहिए, जैसे- कहानी, उपन्यास, प्रेरणादायी जीवनी और साहित्य भी हो सकता है. इस तरह की अनिवार्यता का मकसद छात्रों के स्वतंत्र पठन में रुचि बढ़ाना है. यह आदेश क्लास 6 से 12वीं तक के छात्रों के जरिए जारी किया गया. छात्रा का रोजाना स्कूल में हिंदी-अंग्रेजी का न्यूज पेपर पढ़ना भी अनिवार्य होगा. रोजाना पाठ्यक्रम के अलावा, ग्रुप डिस्कशन और न्यूज पेपर कटिंग्स को इकट्ठा करना भी जरूर हो गया है.

रोजाना याद करने होंगे 5 शब्दों के अर्थ

छात्रों को पाठ्यक्रम के अलावा पढ़ने वाली पुस्तकें, मैगजीन और न्यूजपेपर के बारे में प्रार्थना सभा में अन्य छात्रों को बताना होगा. इससे उनकी भाषा शैली बेहतर होगी. साथ ही कॉन्फिडेंस बढ़ेगा. रोजाना पांच शब्दों के अर्थ भी याद करने होंगे. इससे न केवल शब्दकोश मजबूत होगा, बल्कि भाषा पर पकड़ भी मजबूत होगी. सरकारी आदेश में कहा गया है कि छात्र अखबार के जरिए विज्ञान, संस्कृति, इतिहास, खेल और अन्य विषय की जानकारी हासिल करेंगे.

हफ्ते में एक दिन संपादकीय पर ग्रुप डिस्कशन होगा, जबकि शनिवार को सुडोकू या वर्ग पहेली जैसी गतिविधियों पर प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को विज्ञान, पर्यावरण और खेल संबंधी कटिंग्स से स्क्रैपबुक बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. सभी स्कूलों के छात्रों को राजकीय जिला पुस्तकालयों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.

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