टीईटी मुद्दे को लेकर शिक्षक संगठनों ने बदली रणनीति
कानपुर देहात। टीईटी अनिवार्यता को लेकर शिक्षकों के संयुक्त संगठनों के जरिए विरोध के स्वर और तेज हो चले है। बीते दिनों दिल्ली में आयोजित एक धड़े के कार्यक्रम के बाद दूसरे धड़े की अनुमति निरस्त किए जाने के बाद शिक्षक संगठनों की ओर से अब सांसदों सहित अन्य जनप्रतिनिधयों को ज्ञापन सौंपने की रणनीति तय की गई है।
संगठन पदाधिकारियों की ओर से टीईटी से राहत प्रदान करने के लिए ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम जारी है। अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के साथ जूनियर प्राइमरी शिक्षक संघों की ओर से टीईटी मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन की रणनीति शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श के बाद अब जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंप ध्यान आकृष्ट करने पर जारी है।
इधर शिक्षक विरोध के बीच टीईटी तैयारी में भी जुटे है। कई शिक्षकों का मानना है कि विरोध के साथ खुद की तैयारी करने से कोई गुरेज नहीं है। संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन के साथ संवाद की प्रक्रिया अपनाने की पहल को शिक्षकों ने स्वागत किया। बीते सिंतबर माह में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरुआती समय में विरोध प्रदर्शन को लेकर बैठकों का दौर जारी रहा। काफी समय बीतने के साथ शिक्षक विरोध के बीच तैयारी पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे है। अभी टीईटी अनिर्वायता को लेकर कोई ठोस निर्णन नहीं निकलने से परेशान है। शिक्षक पुरानी पेंशन,स्थानांतरण सहित अन्य मांगों को लेकर मौन रहने से साथ अब केवल टीईटी को लेकर विरोध को धार दे रहे है।
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