सेवा के अंतिम दौर में टीईटी की अनिवार्यता गलत
उन्नाव, संवाददाता । शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को आरटीई अधिनियम 2009 में संशोधन कर टीईटी से मुक्त करने की मांग उठाई गई। अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने इसके लिए सांसद साक्षी महाराज के कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षक की उस वक्त तय मापदंडों को पूरा कर नौकरी में आए थे। 15 से 35 साल की तक सेवा विभाग में दे चुके है। इस पायदान पर इन शिक्षकों को किसी परीक्षा में शामिल करने का निर्णय व्यवहारिक नहीं है। लाखों शिक्षक अपनी सेवा के अंतिम दौर में है।
सभी ने इन परिस्थितियों को देखते हुए इस नियम से 2011 से पूर्व शिक्षकों को हटाने की मांग की। इस दौरान जिलाध्यक्ष अनुपम मिश्र, संरक्षक राघवेंद्र सिंह, महामंत्री राम जन्म सिंह, एससी एसटी जिला अध्यक्ष सुरेंद्र प्रकाश, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री अमित सिंह, कोषाध्यक्ष सरल कुमार, अनूप कुमार शुक्ल, जय दीप शुक्ल, विनोद कुमार, सुरेश कुमार, अरविंद शुक्ला आदि रहे।
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