प्रदेश के नौ से अधिक जिलों के डायट से विशिष्ट बीटीसी की गणक पंजिकाएं गायब, दोषियों पर एफआईआर के निर्देश, संबंधित जिलों के प्राचार्य से आख्या तलब SBTC MARKSHEET

प्रदेश के नौ से अधिक जिलों के डायट से विशिष्ट बीटीसी की गणक पंजिकाएं गायब, दोषियों पर एफआईआर के निर्देश, संबंधित जिलों के प्राचार्य से आख्या तलब

पंजिका में दर्ज होते हैं प्राप्तांक-गुणांक

मामला सामने आने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव ने सभी डायट प्राचार्यों से विशिष्ट बीटीसी वर्ष 1999, 2004, 2007 और 2008 की गणक पंजिकाएं तत्काल उपलब्ध कराने को कहा

प्रयागराज। प्रदेश के कई जिलों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) से विशिष्ट बीटीसी की गणक पंजिकाएं गायब होने का मामला सामने आया है। फिरोजाबाद, जालौन, गाजीपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, झांसी समेत नौ से अधिक जिलों के डायट प्राचार्यों ने इस संबंध में लिखित सूचना प्रयागराज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव को भेजी है।

मामला सामने आने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने प्रदेश के सभी डायट प्राचार्यों से विशिष्ट बीटीसी वर्ष 1999, 2004, 2007 और 2008 की गणक पंजिकाएं तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है। गणक पंजिकाएं उपलब्ध नहीं कराने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। गणक पंजिकाओं में प्रशिक्षुओं के प्राप्तांक व पूर्णांक दर्ज होते हैं।

सचिव ने पत्र के माध्यम से कहा है कि कुछ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा यह जानकारी दी गई है कि विशिष्ट बीटीसी की उक्त वर्षों की गणक पंजिकाएं उपलब्ध नहीं हैं या खो चुकी हैं, जिसके चलते द्वितीय प्रति उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।

इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण की क्रियात्मक परीक्षा का आयोजन परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय द्वारा कराया गया था और अर्ह अभ्यर्थियों को विशिष्ट बीटीसी अर्हता प्रमाण पत्र निर्गत किए गए थे। साथ ही गणक पंजिकाएं संबंधित डायट को विधिवत उपलब्ध कराई गई थीं।

उन्होंने कहा कि गणक पंजिकाएं विशिष्ट बीटीसी से संबंधित मूल गोपनीय अभिलेख हैं। यदि ये अभिलेख डायटों में उपलब्ध नहीं हैं तो इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ विधिक एवं कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही संबंधित प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की आख्या प्रेषित करें और गणक पंजिका की द्वितीय प्रति प्राप्त करने की प्रक्रिया भी पूरी करें।


प्रदेश के नौ जिलों के डायट से विशिष्ट बीटीसी की गणक पंजिका गायब होने के मामले में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए आख्या तलब की गई है। साथ ही प्रदेश के सभी डायट प्राचार्यों से विस्तृत जानकारी मांगी गई है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि और किन डायट से विशिष्ट बीटीसी की गणक पंजिकाएं गायब हुई हैं। इसके लिए उत्तरदायी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। – अनिल भूषण चतुर्वेदी, सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी



विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण से जुड़े अभिलेख गायब होने पर PNP का सख्त रुख, उत्तरदायित्व तय करते हुए कार्यवाही के साथ साथ गणक पंजिकाओं की द्वितीय प्रति प्राप्त करने का निर्देश जारी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेखों के गायब होने को गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। 16 दिसंबर 2025 को जारी पत्र के अनुसार वर्ष 1999, 2004, 2007 और 2008 की विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण गणक पंजिकाएं कई जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में उपलब्ध नहीं हैं या लापता पाई गई हैं। इस स्थिति को प्रशासनिक लापरवाही और अभिलेखीय गंभीरता से जुड़ा मामला मानते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण से जुड़ी गणक पंजिकाएं अत्यंत महत्वपूर्ण और मूल अभिलेख हैं, जिनके आधार पर प्रशिक्षुओं की पात्रता, परीक्षा आयोजन और प्रमाण पत्र निर्गमन जैसी प्रक्रियाएं संपन्न हुई थीं। ऐसे में इन अभिलेखों का गायब होना न केवल व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि इससे संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी तय होती है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि जिन जिलों में ये पंजिकाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां दोषी कर्मचारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध विधिक और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

साथ ही यह भी कहा गया है कि संबंधित डायट संस्थान तत्काल प्रभाव से गणक पंजिकाओं की द्वितीय प्रति प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू करें और विस्तृत आख्या के साथ उच्च कार्यालय को अवगत कराएं। यदि अभिलेख जानबूझकर या लापरवाही के कारण नष्ट या गायब किए गए हैं, तो इसे गंभीर प्रशासनिक अपराध मानते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस निर्देश के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और कई जिलों में पुराने अभिलेखों की जांच-पड़ताल तेज कर दी गई है।



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