स्कूल शिक्षा निदेशक जल्द ही शासनादेश के परिप्रेक्ष्य में आदेश लागू किए जाने की तिथि की घोषणा करेंगी। ऑनलाइन उपस्थिति के लिए बीते अक्तूबर में एक 15 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें सरकारी अधिकारियों के अलावा शिक्षक संगठनों व शिक्षकों को भी सदस्य बनाया गया था। कमेटी ने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट शासन को दे दी, जिसके बाद शासन ने यह आदेश जारी कर दिया। शासनादेश में कहा गया है कि शिक्षकों की उपस्थिति के लिए विद्यालय प्रारम्भ होने से एक घंटे का मार्जिन दिया जाएगा। उक्त अवधि के बाद सिस्टम स्वत: ही लॉक हो जाएगा।
इसके अलावा जिन विद्यालयों में नेटवर्क की उपलब्धता के कारण उपस्थिति दर्ज करने में समस्या आ रही हो, वहां ऑफलाइन मोड में उपस्थिति दर्ज की जाएगी जो नेटवर्क आने पर ऑनलाइन डिजिटल प्रणाली से सिंक हो जाएगी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा उक्त उपस्थिति प्रणाली में उपस्थिति दर्ज की जाएगी।
यदि किसी प्रधानाध्यापक द्वारा उपस्थिति दर्ज करने में असमर्थता व्यक्त की जाती है, उनसे चार्ज लेकर अन्य अध्यापक को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। इतना ही नहीं किसी भी अध्यापक के विरुद्ध अनुपस्थिति के संबंध में कारण बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए तथा अध्यापक का पक्ष जाने किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। स्कूल शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में तकनीकी समिति का गठन किया जाएगा जो माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति से संबंधित ऑनलाइन डिजिटल प्रणाली बेसिक शिक्षा विभाग में लागू किए जाने के लिए आवश्यक डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा।

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