शिक्षकों को बनाया जा रहा तकनीकी शिक्षा के लिए पारंगत
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। बेसिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आरईसी फाउंडेशन के सामाजिक निगमित उत्तरदायित्व के तहत परियोजना जिज्ञासा लैब एवं सौर ऊर्जा चलित स्मार्ट कक्ष स्थापित कराई जानी है।
जिसमें से 200 उच्च प्राथमिक विद्यालयों जिज्ञासा लैब का स्थापन कार्य पूर्ण हो गया है। द्वितीय चरण में चयनित 100 परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत विज्ञान और गणित शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य शुरू किया गया है। जिनके माध्यम से बच्चों का मानसिक, बौद्धिक एवं तकनीकी विकास होगा। बच्चे भविष्य में एक नई ऊंचाई, नया मुकाम हासिल कर सकेंगे। शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए विज्ञान एवं गणित का नई तकनीकी से अध्ययन करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
गुरुवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र डुमरियागंज व जोगिया में 100 विद्यालयों के विज्ञान और गणित शिक्षकों का प्रशिक्षण के साथ शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में विज्ञान और गणित को तकनीकी पूर्ण, सरल एवं सहज बनाने के लिए शिक्षण सामग्री का उपयोग करना बताया गया। इसमें विज्ञान को प्रयोगात्मक रूप में सरल और सहज बनाकर प्रस्तुत किया गया। जिसमें प्रकाश का परावर्तन, अपवर्तन, सूर्य एवं चंद्र ग्रहण का होना, पृथ्वी पर दिन रात की घटनाएं, इंद्रधनुष का बनना, फेराडे के नियम, चुंबकत्व, प्रकृति में होने वाली घटनाएं प्रयोगात्मक रूप से दर्शाई गई। गणित प्रशिक्षक शैलेन्द्र कुमार ने पाइथागोरस प्रमेय, कोण, त्रिभुज, गुणन और भाग के सहज प्रयोग और अन्य तकनीकि टिप्स प्रदान किए गए। विषय विशेषज्ञों के माध्यम से कार्यशाला में बताया गया कि जिज्ञासा लैब क्या है। फाउंडेशन के महाप्रबंधक अंजान लहरी के प्रयासों से जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए यह सराहनीय योजना लाई गई। सदस्य राजभाषा सलाहकार समिति अवनीश त्रिपाठी ने बताया कि जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान और गणित की शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए जिज्ञासा लैब सोलर स्मार्ट क्लास संचालित कराई जा रही है।
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