8वें वेतन आयोग पर बड़ा सवाल: क्या 1 जनवरी 2026 से मिलेगा एरियर, संसद में सरकार ने क्या कहा
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से 8वें वेतन आयोग को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर नया वेतन आयोग देर से लागू होता है, तो क्या सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी 1 जनवरी 2026 से मानी जाएगी और एरियर मिलेगा.
7वें वेतन आयोग की अवधि 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो रही है, लेकिन अब तक सरकार ने नई सिफारिशों की प्रभावी तारीख पर कोई साफ संकेत नहीं दिया है.
संसद में सरकार ने क्या कहा
शीतकालीन सत्र के दौरान जब 8वें वेतन आयोग को लेकर सवाल उठे, तो वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि लागू करने की तारीख सरकार तय करेगी और स्वीकार की गई सिफारिशों के लिए जरूरी फंड का प्रावधान किया जाएगा. इस बयान से यह साफ हुआ कि फिलहाल 1 जनवरी 2026 से एरियर देने पर कोई पक्की सहमति नहीं बनी है. इससे कर्मचारियों की बेचैनी और बढ़ गई है.
रिपोर्ट कब आएगी, लागू कब होगा आयोग
8वें वेतन आयोग की शर्तें (Terms of Reference) 3 नवंबर 2025 को अधिसूचित की गई हैं. आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है, यानी रिपोर्ट 2027 के मध्य तक आने की संभावना है. इसके बाद सरकार की मंजूरी और अधिसूचना में 3 से 6 महीने और लग सकते हैं. ऐसे में नया वेतन ढांचा 2027 के आखिर या 2028 की शुरुआत में लागू होने की संभावना जताई जा रही है.
पहले भी मिल चुका है एरियर
इतिहास देखें तो वेतन आयोगों के लागू होने में अक्सर देरी हुई है, लेकिन एरियर पहले की तारीख से दिया गया है. 7वां वेतन आयोग जून 2016 में लागू हुआ था, लेकिन एरियर 1 जनवरी 2016 से मिला. इसी तरह 6वें वेतन आयोग को 2008 में मंजूरी मिली, जबकि एरियर 2006 से दिया गया. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इसी परंपरा के अनुसार 8वें वेतन आयोग में भी 1 जनवरी 2026 से एरियर मिलना चाहिए.
HRA शामिल न होने से घट सकता है फायदा
हालांकि, सरकार आमतौर पर एरियर की गणना में हाउस रेंट अलाउंस यानी HRA को शामिल नहीं करती. इससे सरकार को बड़ी बचत होती है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन 76,500 रुपये है, तो HRA शामिल न होने से हर महीने करीब 18 हजार रुपये तक का एरियर कम हो सकता है. कर्मचारी संगठन HRA को भी एरियर में जोड़ने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पर सरकार की सहमति मुश्किल मानी जा रही है.
सरकार के फैसले पर निगाहें
अगर 8वें वेतन आयोग को बिना बैकडेट के लागू किया गया, तो कर्मचारियों को तब तक 7वें वेतन आयोग के तहत ही सैलरी मिलती रहेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि देरी होने पर एकमुश्त बड़ा एरियर बन सकता है, लेकिन आर्थिक दबाव के चलते सरकार इसे आगे की तारीख से भी लागू कर सकती है. फिलहाल करीब 50 लाख कर्मचारी और 69 लाख पेंशनर्स को आधिकारिक ऐलान का इंतजार करना होगा.
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